Thursday, June 19, 2025



 

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धूप, धूल और धन्यवाद

  हमने वो गांव देखा है, गली खलिहान देखा है। गली की झिटकी से लेकर , खुला आसमान देखा है । शहर की चकचकी सड़कें , हमारा धन्यवाद तुमको। ये जो रफ...