जब 9th में थे तो nokia का एक फोन हुआ करता था।हाँ याद आया Nokia 2626. पापा मम्मी को बस ये पता था कि उस से सिर्फ बातें हो सकती थी। But हमको पता था कि उसमे इंटरनेट भी चलता था। और इंटरनेट का मतलब बस google और facebook. Idea भी कमाल का कंपनी है हो किफायत मे ही काम चला देता था। एकंगरसराय पीएनबी के नीचे एक photocopy का दुकान है वही से 5 rupees का 30mb valadity 1din का रीचार्ज करवाता था। और घर आते आते 5-6 बार चेक कर लेता था कि इंटरनेट चल रहा है या नहीं और mb कट रहा है कि नहीं। घर आके जैसे भगवान् को ध्यान करते हैं ना वैसे ही Setting पे Click करता और data connection ऑन करता। फिर web browser के bookmark को खोलता और google पर Fb सर्च करता था।1.5 इंच के स्क्रीन पर 3 min तक गोल चकरी घूमते घूमते welcome to Facebook show करता।खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता था।जल्दी जल्दी id और password डालता और फिर 3 min गोल गोल घूमने का इंतजार करता था। मुस्किल से खुलने के बाद गिने चुने फ़्रेंड्स की तस्वीरें देखकर यूँ खुश होता था जैसे कौची इनवेंट कर दिए हैं। फिर ठुकूर-ठुकूर (2g)टेक्नोलॉजी के जरिए कुछ लोगों से hyy byy करता था। तबतक क्लास का टाइम हो जाता था। क्लास से आता तो टेंशन रहता की 20 mb अभी और खतम करना है नहीं तो approx 3 rupee का हानि हो जाएगी और इधर ये भी डर की दादा डांटेंगें की पढ़े के त खेल करे मे लगल रहता है।तब भी किसी तरह से 12 बजे तक खतम कर ही देता था वो भी लालकिला, ताजमहल, गुलाब etc का pic. डाउनलोड करके।
उस वक़्त सोचता था कि काश बड्डा सा फोन होता जिसमे ढेर सारे बैलेंस होते, और सब दोस्तों से खूब सारी बातें करते....
Aaj बड्डा सा फोन भी है,डाटा भी खूब हैं, कॉलिंग भी फ्री है, but वो सारे दोस्त कोशों दूर हैं।
miss you yaaron
उस वक़्त सोचता था कि काश बड्डा सा फोन होता जिसमे ढेर सारे बैलेंस होते, और सब दोस्तों से खूब सारी बातें करते....
Aaj बड्डा सा फोन भी है,डाटा भी खूब हैं, कॉलिंग भी फ्री है, but वो सारे दोस्त कोशों दूर हैं।
miss you yaaron
Nice though bro
ReplyDeleteThanks bhai
DeleteNice tumne to puri kahani hi likh dala Bhut khub likhe ho tum
ReplyDeleteThanks a lot
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