Friday, August 16, 2019

नीम और गुलाब


Conversation between NEEM And ROSE
🥀ROSE --- तऽ चचा और सब ठीक है न...
🌿NEEM--- हाँ भीया मिलाजुला के सब ठीके है आप सब की कृपा से , और अप्पन सुनाबऽऽ
🥀ROSE --- अरे का बताएं रोज मलिया आता है और बाल- बुतरू के तोड़ के लेके चल जाता है , आप ही ठीक हैं जी कोई तंग नहीं करता है l
🌿NEEM - आऽऽऽ बुआ आप नहीं जानते हैं न अबरिये न नागपंचमी मे हाथ गोड तोड़- ताड़ के सब  ठूठ कर दिया है l तुम्हीं ठीक है हो दो दिलों को जोड़ते तो हो।
🥀ROSE - हाँ जी किसको मन करता है कि बेटा के बलि देकर दो दिलों को जोड़ें , लेकिन क्या किया जाय उनका (गुलाब का )  कर्म ही वही है, तो अपने कर्म से पीछे कैसे हटें।
🌿NEEM - ये तो है भाई 😢, अरे काहे फिक्र करते हो कर्म ही पूजा बाला नारा नहीं सुने हो का ,पृथ्वी पर अमर कौन आया है, अच्छा है न बुआ की किसी की जिंदगी का मिठास बन रहा है l
एगो हम हैं कि दूरहीं से लोग नफरत करते हैं l
🥀ROSE --- हाँ ये तो है, अरे हम तो चाहते हैं कि तोरे नियन हमको भी काट - कूट के ठूठ कर दे लेकिन बचवन के छोड़ दे l लेकिन ई कांटा-कूसा से किसको लगाव है I
🌿NEEM --- ऐसन बात कहते हो कि बउआ.. अरे जो पिता इस तरह के पुत्र को जन्म दे उसकी बराबरी भला हम कैसे कर सकते हैं। तुम धन्य हो भाई की ऐसे पुत्र को जन्म देते हो।
🥀ROSE - आपको लोग इज्जत की निगाहों से देखते हैं , शान से घर मे ले जाके आपकी डाली को खोसते हैं , आप तो इतने महान हो कि लोग आपको औषधि निर्माण मे उपयोग करते हैं।
एक हम हैं कि हमरा तो छोड़ ही दीजिये बेटवा के भी छिपा के अन्तर्वस्त्र मे  ले जाते हैं, शुभचिंतकों को देते हैं और इधर - उधर फेंक देते हैं गाड़ी घोड़ा आता है और चूर - चार के बर्बाद कर देता है l और कहीं अगर कोई एकतरफ़ा प्यार के शिकारी अपने काल्पनिक gf को गलती से दे दिया तब तो पूछिये ही मत  कंटीले (👠 हील बाला ) सैन्डल से मसल देते हैं l
🌿NEEM-- ई तो तू सरासर झूठ बक रहा है कि जहाँ- तहां फेंक देते हैं अरे एक्सेप्ट करने के बाद कितना इज्जत से, कितना प्यार से पुनः अन्तर्वस्त्र मे डाल कर घरवालों से बचते- बचाते हुए लौटा कर घर लाते हैं और प्रेम पूर्वक अपने डायरी की सुनहरे पन्नों मे रख देते हैं l औऱ समय समय पर निकाल कर याद करते हैं और फ्री मे लिपस्टिक का पान करवाते हैं 😂
🥀ROSE - अच्छा भीया अब बस करऽ बाल- बच्चा के बारे मे में ऐसे बोलते हैं अच्छा लगता है क्या , चलऽ छोड़ऽ ऊ सब.
और बताइए नश्ता पानी हो गया I
🌿NEEM-- तोरे नियन गमला मे नही न रहते हैं भीया की प्रेम के माली पानी देने आयेंगे जहिया इंद्र भगवान के दिमाग में चुठरी खटपटायेगा ओहिया नास्ता और भोजन सब एक ही बार हो जाएगा। लगता है कि तोहरा मिल गया है। ठीक है जाइए जलपान कीजिए है न....
🥀ROSE -... जी ... Byy मिलते हैं फिर कभी है न.....
NEEM 🌿- ठीक हको byy....




Saturday, August 3, 2019

लास्ट पेज ऑफ द् कॉपी..

                       लास्ट पेज ऑफ द् कॉपी 

कॉपी का लास्ट पेज हमेशा इसी ख्याल में रहता होगा कि ना तो बेचारे की लाइफ का कोई पता है और ना ही इसका पता है कि कब कौन क्या लिख कर चला जाए। पीछे वाली कूट से चिपके उस पेपर को यह भी पता नहीं होता कि कब कहां पटका जाएगा या कब बारिश की पानी में डूब जाएगा। परंतु हमेशा इस आत्मविश्वास के साथ जिता है कि लेखक इसके मदद के बिना किसी साफ-सुथरे पेज को नहीं भर सकता।
जब कभी कोई कलम नहीं चल रहा हो झट से पीछे वाले पेज पर रगड़ देते हैं। न फटने की परवाह और ना ही गंदा होने का डर। जब भी कोई मामूली सा फार्मूला लिखना हो या कोई छोटी सी कैलकुलेशन करना हो तो झट से आखिरी पेज पर ही हमारी उंगलियां दौड़ जाती है। जब कभी किसी ने थोड़ा सा पेपर मांग लिया तो आखिरी पेज का बलिदान देने में जरा सा भी नहीं सकुचाते। जब कभी गुनगुनाने का मन कर रहा हो या बेवजह भी एक कलम आखिरी पेज को ही अपना साथी बना लेता है।
इन्हीं ख्यालों के साथ एक दिन जब पुरानी कॉपियों के लास्ट पेज को निहारना शुरू किया तो यह दिल खुशी से झूम उठा सारी बातें एक साथ याद आने लगी।
कहीं घर की सामग्री के फटे हुए लिस्ट, कहीं बेमतलब की शायरियां, कहीं-कहीं 8-10 सिग्नेचर जो कि महानुभावों ने बेमतलब घसीट दिए थे, कहीं कुछ अटपटे सवाल और कहीं- कहीं संस्कृत के कुछ हलंत विसर्ग।
मेरे खयाल से तो आखिरी पेज जितना इंट्रेस्टिंग कॉपी का कोई और पेज ही नहीं होता क्योंकि इस पेज के ऊपर ना तो VVI का मुहर होता है और ना कि किसी होमवर्क का।




शनिवार: अंक ८

  दुनिया की कोई भी ताकत उस विचार को नहीं रोक सकती जिसका समय आ गया है: मनमोहन सिंह  यह उद्धरण इस तथ्य को दर्शाता है कि जब कोई विचार समय के अन...